आज जहां वर्तमान समय में भारत में नौकरी का अकाल पड़ा हुआ है और लगभग ज्यादातर लोग कारोबार या नौकरी से वंचित हैं। ऐसे में ज्यादातर लोगों का सपना होता है कि उन्हें एक ठीक-ठाक सी नौकरी मिल जाए। और जैसा कि हम सभी जानते हैं कोरोना काल के बाद से यह और भी ज्यादा बढ़ चुका है। और ऐसे में कोई अच्छी नौकरी मिलना बहुत ही बड़ी बात हो जाती है, पर आज हम आपको जो कहानी सुनाएं जा रहे हैं यह आपको हैरान कर देगी। कि कैसे एक अच्छी खासी नौकरी छोड़कर अपना बिजनेस खड़ा किया जाता है:
झारखंड-हजारीबाग: जहां लोग किसानी और खेती को बेकार समझ कर नौकरी की तरफ भाग रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हजारीबाग में रहने वाले एक शिक्षित दंपत्ति (पति-पत्नी) ने अपनी मल्टीनेशनल कंपनियों में अच्छी खासी सैलरी वाली नौकरियां छोड़कर खेती करने का फैसला किया। और जैसा कि हम सभी जानते हैं अब आधुनिक स्तर पर पूरे देश भर में खेती शुरू हो चुकी है। इस दंपत्ति ने खेती में भी एक बहुत ही बड़ा योगदान दिया है।
और आधुनिक तकनीकों की मदद से आसपास के क्षेत्र में आधुनिकता का विस्तार किया है। और ऐसा कारनामा करके दिखाया है जिससे पूरा भारत हैरान है और इनकी सराहना कर रहा है, इसके साथ ही साथ इनके द्वारा किए गए व्यापार से कई लोगों को रोजगार भी मिले हैं। तो आप खुद ही सोच सकते हैं कि कैसे कोई खुद की नौकरी छोड़कर दूसरों को कारोबार दे रहा है। कुछ लिया विस्तार से जानते हैं इस जबरदस्त दंपत्ति के बारे में।
यह सफलता की कहानी जरूर पढ़ें:
क्यों छोड़ी नौकरी: जैसा कि हमने आपको बताया हजारीबाग में रहने वाले विनोद कुमार और उनकी पत्नी राधिका कुमारी द्वारा यह नौकरी छोड़ने का बड़ा फैसला लिया गया था। बता दें कि विनोद कुमार एक किसी बैंक के मैनेजर थे, और वही राधिका कुमारी एक मल्टीनेशनल कारपोरेट कंपनी में काम करती थी। साल 2020 में कोरोना के चलते इन दोनों ने फैसला किया कि यह अपनी नौकरी छोड़ कर अपने गांव में खेती का कार्य करेंगे।
बंजर जमीन पे की खेती: दोस्तों बता दे कि इन्होंने अपने जबरदस्त ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को मिलाकर बंजर भूमि पर भी खेती करके दिखाई। इन्होंने कम दाम पर बंजर भूमि लीज पर ली और उस पर आधुनिक तरीके से खेती की शुरुआत की और रिसर्च करके इन्होंने वहां बड़ी मात्रा में तरबूज उगाए। इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हुआ, फिर इन्होंने दूसरे साल और भी ज्यादा मेहनत के साथ काम करके और बड़ी मात्रा में खेती की।
ऐसे करते करते उन्होंने उस बंजर भूमि से करीब तरबूज के साथ ही साथ नेनुआ, मिर्च, टमाटर, खीरा और करेले जैसे सब्जियां भी बड़ी मात्रा में उगाएं। और अपने इस व्यापार को बड़े स्तर पर ले जाने के लिए उन्होंने स्थानीय किसानों के साथ मिलकर व्यापार शुरु किया, और देखते ही देखते FPO फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन नामक कंपनी खड़ी कर दी। इसके माध्यम से वे भारत के कई बड़े जिलों जैसे बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में अपना व्यापार फैला चुके हैं।
मोबाईल से किया खेती संभव: विनोद और रितिका इस सफलता को देखते हुए और इनसे प्रभावित होकर इफको और नाबार्ड जैसी कंपनियों ने इन्हें ऑटोमेटेड इरिगेशन सिस्टम के प्रोजेक्ट के लिए चुना। जिसमें खेत में लगाए गए नेटवर्क के माध्यम से वहां की मशीनों को घर बैठे मोबाइल से कंट्रोल करके आसानी से खेती की जा सकती है। इसका सफल परीक्षण भी हो चुका है और लगातार इसे अलग-अलग जहां पर विस्तार किया जा रहा है। और ऐसे ही लोग भारत को विकास के रास्ते पर लगातार आगे बढ़ा रहे हैं।