Shri Sammed Shikhar Ji: Jharkhand Tourism का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले यहां के मन मोहने वाली प्राकृतिक नजारे और वॉटरफॉल्स ही आता है। लेकिन आज आपको हम झारखंड में छुपे (Hidden places to visit in Jharkhand)एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है, जो पिछले काफी समय से चर्चा में बना हुआ है और पर्यटकों को खूब लुभा रहा है।
प्राकृतिक की गोद में बसा हुआ और पहाड़ों से घिरा हुआ यह पर्यटन स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है तो चलिए इस जगह के बारे में आपको थोड़ी और जानकारी देते हैं और दिखाते हैं कुछ मनमोहन पिक्चर्स जिसे देखकर आप भी यहां आना चाहेंगे
Shri Sammed Shikhar Ji
हम बात कर रहे हैं जैन समाज के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी (Shri Sammed Shikhar Ji) की। पिछले साल यहां टूरिस्ट की बढ़ती संख्या और इस जगह की लोकप्रियता को देखते हुए झारखंड सरकार ने से टूरिस्ट प्लेस बनाने की अधिसूचना भी दे दी है। आपको बता दे की यह जैन धर्म के लिए एक बेहद ही पवित्र जगह है क्योंकि जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों को मोक्ष की प्राप्ति इसी जगह पर हुई है। चलिए बताते है की आखिर और क्या खासियत है श्री सम्मेद शिखर जी में।
कहां है श्री सम्मेद शिखर
झारखंड के मधुबनी पहाड़ियों पर मौजूद श्री समेत शिखर एक बहुत ही खूबसूरत स्थान है। सम्मेद शिखर जी तलेटी तीर्थ, मधुबन, झारखंड में स्थित है।जो पर्यटकों को अपनी ओर अनायास ही आकर्षित करता है यहां पहुंचना काफी आसान है। इसकी खूबसूरती को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है।
यहां का मौसम ठंडा होने के कारण टूरिस्ट बिना थके लंबी दूरी आसानी से तय कर पाते हैं बारिश के मौसम में श्री सम्मेद शिखरजी की वंदना को रोक दिया जाता है इसके अलावा आप तीन से चार दिनों का समय निकालकर यहां आए ताकि बहुत अच्छे से यह स्थित सारी खूबसूरती का आनंद ले सके।
कैसे पहुंचे श्री सम्मेद शिखर?
श्री सम्मेद शिखर जी को पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित और पर्वतीय क्षेत्र में वस्तित पथललगाम नामक छोटे से गाँव को पहुंचना होगा। यहाँ से आपको कुछ किलोमीटर पैदल चलना होगा, फिर आप यातायात के लिए स्थानीय वाहनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
शिखर जी की चढ़ाई कितने किलोमीटर की है?
श्री सम्मेद शिखर जी की चढ़ाई लगभग 3500 मीटर (11,500 फीट) की है। यह पर्वत जैन धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है और इसे धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
श्री सम्मेद शिखर जी में कहां रुकें?
जब आप श्री सम्मेद शिखर जी की यात्रा पर निकलें, तो आपको पवित्र स्थलों में रुकने की सलाह दी जाती है। कुछ प्रमुख स्थलों में श्री जिनमंदिर, प्रभु आदिनाथ मंदिर, और पांच परमेष्ठी के मंदिर आते हैं। श्री सम्मेद शिखर जी को यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों नवंबर से फरवरी के बीच होता है। इस समय मौसम शांत और पर्यटकों के लिए आरामदायक होता है।
सम्मेद शिखर पर विवाद
श्री सम्मेद शिखर पर एक विवाद है कि क्या यह भारत की सबसे ऊँची शिखर है या नहीं। हालांकि, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह एक पवित्र स्थल है जो लोगों को अपने आप में प्रभावित करता है।
श्री सम्मेद शिखर जी एक अद्वितीय स्थान है जो लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रेरित करता है। इसकी ऊँचाई, उसका इतिहास, और उसका महत्व इसे एक अद्वितीय धार्मिक स्थल बनाते हैं। यहाँ पहुंचकर लोग अपने मन की शांति और सुकून को प्राप्त करते हैं।
श्री सम्मेद शिखर को क्या कहा जाता है?
श्री सम्मेद शिखर को “पर्वत वंदना” भी कहा जाता है।
शिखर जी को शाश्वत तीर्थ क्यों कहा जाता है?
शिखर जी को शाश्वत तीर्थ कहा जाता है क्योंकि यह जैन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहाँ धार्मिक अनुष्ठान हर समय चलते रहते हैं।
सम्मेद शिखर पर विवाद क्या है?
जैन समुदाय का कहना है कि इस क्षेत्र में मांस और शराब की बिक्री और सेवन से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित किया था। जैन समुदाय का आरोप है कि इससे क्षेत्र की पवित्रता को नुकसान पहुंचा है।
श्री सम्मेद शिखर जी में कहां रुकें?
श्री सम्मेद शिखर जी में आप श्री जिनमंदिर, प्रभु आदिनाथ मंदिर, और पांच परमेष्ठी के मंदिर में रुक सकते हैं।
श्री सम्मेद शिखर जी जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
श्री सम्मेद शिखर जी जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों नवंबर से फरवरी के बीच होता है।