दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं की, भारत कोई छोटा मोटा देश नहीं है, इस की सांस्कृतिक विरासत जितनी बड़ी है उतना ही बड़ा इस देश का क्षेत्रफल भी है। भले ही हमें आजादी करीब 75 वर्ष पहले मिल चुकी हो पर अब भी भारत में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो अब भी मामूली संसाधनों से भी वंचित हैं। दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं झारखंड की जो करीब 22 वर्ष पहले अस्तित्व में आया है। और आज की खबर इस राज्य के एक छोटे से गांव की है।
कौन नहीं करना चाहता शादी:
दोस्तों आपको बता दें हम बात कर रहे हैं झारखंड में आने वाले बहरागोड़ा के अंतर्गत मालकुंडा, फूलकुडिया और प्रतापपुर जैसे गांवों की, यह भी गांव है जहां कई सारी सुविधाओं से लोगों को वंचित रहना पड़ता है। और अगर बात करें प्रतापपुर गांव की इस गांव में करीब 200 लोग रहते हैं, जिनमें लगभग पूरी या फिर अत्यधिक मात्रा में पिछड़ी जाति के लोग रहते हैं।
नहीं मिल रही सुविधा:
यहां पर इतनी असुविधा है कि जब भी बरसात का मौसम आता है या फिर गांव में बरसात होती है तो नालियों की व्यवस्था ना होने के कारण पूरे गांव में पानी भर जाता है, और फिर यह गांव टापू के समान बन जाता है जिससे लोगों को बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बता दें इस गांव में एक सरकारी कुआं, एक प्रारंभिक शिक्षा के लिए विद्यालय और थोड़ी बिजली के अलावा कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है।
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वादे नहीं होते पुरे:
प्रतापपुर गांव के लोगों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बताया गया कि, चुनाव के समय कई मंत्री और नेता उनके गांव में आते हैं। और कई बड़े-बड़े वादे करते हैं गांव के विकास को लेकर, पर एक बार चुनाव बीत जाने के बाद उन्हें कोई भी सुविधा प्रदान नहीं की जाती। यहां तक कि अब तक मानव विकास के लिए सबसे जरूरी चीज सड़क भी यहां नहीं बनी है। गांव के लोग खुद खेती कर कर अपना जीवन किसी तरह से व्यतीत कर रहे हैं।
कोई नहीं कराना चाहता है शादी:
जैसा कि ऊपर की बातें पढ़कर आपको यह समझ में आ गया होगा कि, वर्तमान में प्रतापपुर गांव की हालत कितनी खराब है। और तो और अब तक भारत में जाति प्रथा का भी अंत पूरी तरह से नहीं हुआ है जिसके चलते लोग पिछड़ी जाति होने के कारण कोई भी रिश्ता इनके गांव में या किसी से भी नहीं करते। मानव जीवन के लिए आवश्यक और अनिवार्य संसाधनों की कमी और गांव के पिछड़े होने के कारण कोई भी अपने लड़की की शादी इस गांव में नहीं कराना चाहता है।
निष्कर्ष:
इन सभी चीजों को जानकर निष्कर्ष यही निकलता है कि, जिस प्रकार से भारत के विकास को दर्शाया जाता है वह वैसा बिलकुल नहीं है। भारत के विकास के लिए सभी क्षेत्रों का विकास करना बहुत ही जरूरी है, जिसके लिए प्रतापपुर जैसे गांव की हालत सुधारना भी बहुत ही आवश्यक है। और यही कारण है कि कई मामलों में भारत अभी कई देशों से पिछड़ रहा है, अतः हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में इन सभी चीजों को सुधारा जाएगा जिससे भारत और तेजी से विकास कर सके।
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