Netarhat Queen of Jharkhand: झारखंड की वादियों में बसा एक ऐसा हिल स्टेशन, जिसे ‘छोटानागपुर की रानी’ कहा जाता है: नेतरहाट, रांची से लगभग 158 किलोमीटर दूर लातेहार जिले में स्थित यह जगह हर उस इंसान के लिए एक ख्वाब की तरह है, जो शहर की भीड़-भाड़ से दूर शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की तलाश करता है। यह न केवल झारखंड का, बल्कि भारत का एक छुपा हुआ रत्न है, जो अब राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने जा रहा है।

नेतरहाट बनेगा नेशनल लेवल टूरिज्म स्पॉट
झारखंड सरकार ने नेतरहाट के कायाकल्प की योजना बना ली है। राजगीर की तर्ज पर यहां ग्लास ब्रिज बनने जा रहा है, जिससे पर्यटक अब सनसेट और सनराइज का नजारा और भी शानदार तरीके से देख पाएंगे। साथ ही, कोयल व्यू प्वाइंट (सनराइज प्वाइंट) और मैगनोलिया प्वाइंट (सनसेट प्वाइंट) को भी नया रूप दिया जा रहा है। यह जानकारी खुद जिला पर्यटन पदाधिकारी संजीत कुमार ने साझा की है।
सनराइज सनसेट का बेस्ट डिस्टेशन
Netarhat Queen of Jharkhand का सबसे बड़ा आकर्षण है – सूर्योदय और सूर्यास्त। सुबह-सुबह कोयल व्यू प्वाइंट से उगते सूरज को देखना या शाम के समय मैगनोलिया प्वाइंट से डूबते सूरज की रोशनी को पहाड़ों पर गिरते हुए महसूस करना, सच में यह अनुभव शब्दों से परे है।
जल्द खुलेगा सनराइज वॉच टावर
कोयल व्यू प्वाइंट पर एक खूबसूरत पार्क और सनराइज वॉच टावर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यह वॉच टावर प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान होगा।
ग्लास ब्रिज
मैगनोलिया प्वाइंट पर बनाया जाने वाला ग्लास ब्रिज न केवल सनसेट के नजारे को और खास बनाएगा, बल्कि साहसिक पर्यटकों के लिए एक अलग ही एडवेंचर देगा।

कैसे पहुंचें नेतरहाट?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा है बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची। वहां से टैक्सी या बस से नेतरहाट पहुँचा जा सकता है।
- रेल मार्ग: रांची और लोहरदगा निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। लोहरदगा से नेतरहाट की दूरी करीब 100 किमी है।
- सड़क मार्ग: रांची से सीधी बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। सड़कें अब सुदृढ़ की जा रही हैं और अंतिम चरण में हैं।
क्या-क्या देखें नेतरहाट में?
- सनराइज और सनसेट प्वाइंट: कोयल व्यू और मैगनोलिया प्वाइंट – प्रकृति का सिनेमा हॉल।
- घाघरी जलप्रपात: चारों तरफ हरियाली से घिरा यह जलप्रपात गर्मियों में भी ठंडक देता है।
- नैना जलप्रपात: एक शांत, सुरम्य जगह जहाँ आप घंटों बैठ सकते हैं।
- नेतरहाट आवासीय विद्यालय: यह झारखंड का प्रतिष्ठित विद्यालय है, जिसकी वास्तुकला भी आकर्षण का केंद्र है।
- ऊँचे-ऊँचे साल और चीड़ के जंगल: नेतरहाट की हवा में घुली हरियाली मन को ताजगी देती है।

कब जाएं नेतरहाट?
मार्च से जून और अक्टूबर से फरवरी – ये दोनों ही समय नेतरहाट की यात्रा के लिए सर्वोत्तम हैं। मानसून में यहाँ की हरियाली और भी जीवंत हो उठती है।
पर्यटन के लिए बेहतर हो रहे इंतज़ाम
नेतरहाट में सरकार द्वारा आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत किया जा रहा है – सड़कें बन रही हैं, पार्क विकसित हो रहे हैं, नए रिसॉर्ट्स की योजना भी चल रही है। इससे आने वाले समय में यहां पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होगा।
क्यों जाएं नेतरहाट?
अगर आप प्राकृतिक खूबसूरती, शांत वातावरण, साफ हवा और मन को छू लेने वाली वादियों की तलाश में हैं – तो नेतरहाट आपका इंतजार कर रहा है। यहाँ न कोई शोर है, न भीड़ – बस आप हैं और प्रकृति।
अंत में…
नेतरहाट को बस एक पर्यटन स्थल कहना उसकी सुंदरता को कम करना होगा। यह एक एहसास है – जो आपको सुकून देता है, सोचने का समय देता है और फिर से जीने की प्रेरणा देता है। आने वाले वर्षों में जब नेतरहाट को नेशनल टूरिज्म मैप पर जगह मिलेगी, तो आप गर्व से कह सकेंगे – “मैं वहाँ पहले जा चुका हूँ।