झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक और महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किया: मइया सम्मान योजना। इस योजना के तहत नामकुम के खोजाटोली ट्रेनिंग ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम “मइया सम्मान” के दौरान, सीएम ने महिलाओं के बैंक खातों में सीधे ₹2,500 ट्रांसफर किए।
यह पहल झारखंड की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से ₹1,415 करोड़ 44 लाख 77 हजार रुपये सीधे 56,61,791 महिलाओं के बैंक खातों में भेजे गए हैं।
योजना की शुरुआत और लाभ
यह योजना 2023 में शुरू हुई थी और तब से हर पात्र महिला को धनराशि ट्रांसफर की जा रही है। अब तक लाखों महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है। इस योजना का उद्देश्य झारखंड की घरेलू महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
मइया सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को कुछ पात्रता मापदंड पूरे करने होते हैं:
- झारखंड का निवासी होना अनिवार्य है।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की श्रेणी में आने वाली महिलाएं पात्र हैं।
- बैंक खाता होना आवश्यक है क्योंकि धनराशि DBT के माध्यम से ट्रांसफर होती है।
योजना की विशेषताएं
- आर्थिक स्वतंत्रता: हर महिला को ₹2,500 सीधे मिलते हैं, जिससे वे अपनी जरूरतें पूरी कर सकती हैं।
- बच्चों की शिक्षा: यह धनराशि महिलाएं अपने बच्चों की फीस, किताबें या स्टेशनरी पर खर्च कर सकती हैं।
- पोषण और स्वास्थ्य: घर के लिए बेहतर खाद्य पदार्थ खरीदने में मदद होती है, जिससे कुपोषण दूर करने में सहायता मिलती है।
- आत्मनिर्भरता: महिलाएं पोल्ट्री फार्मिंग जैसे छोटे व्यवसाय शुरू कर सकती हैं और आय उत्पन्न कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विचार
कार्यक्रम के दौरान सीएम सोरेन ने कहा, “पुरुष और महिला एक हल के दो बैल हैं। दोनों के बिना प्रगति असंभव है।” उन्होंने महिला मतदाताओं का धन्यवाद किया जिन्होंने चुनाव के दौरान अपनी हिम्मत दिखाई।
विपक्ष को जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हमने ₹2,500 देने का वादा किया था, तो उन्होंने हमारा मजाक उड़ाया। लेकिन हमने अपने वादे को पूरा करके दिखाया।”
महिलाओं के सपने और आत्मविश्वास
सीएम सोरेन ने महिलाओं को अपने सपनों का पीछा करने और उन्हें पूरा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इस पहल से महिलाओं को वित्तीय संसाधन मिलेंगे, जिससे वे गरीबी से बाहर निकल सकेंगी।
धनराशि का उपयोग कैसे करें?
महिलाओं को धनराशि का समझदारी से उपयोग करने की सलाह दी गई है। इसका इस्तेमाल शिक्षा, स्वास्थ्य, या अपने छोटे व्यवसाय शुरू करने में करें। जुए या गलत कार्यों में धनराशि बर्बाद न करने की चेतावनी भी दी गई।
झारखंड की महिलाओं की नई पहचान
सीएम ने कहा कि यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगी। झारखंड की महिलाएं अब राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास में सक्रिय रूप से भाग लेंगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: यह योजना कब शुरू हुई?
यह योजना 2023 में शुरू हुई थी।
प्रश्न 2: अब तक कितनी बार धनराशि ट्रांसफर हुई है?
अब तक 56,61,791 महिलाओं के बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर हो चुकी है।
प्रश्न 3: कौन इस योजना का लाभ ले सकता है?
इस योजना का लाभ बीपीएल परिवारों की महिलाएं और झारखंड के निवासी ले सकते हैं।
प्रश्न 4: धनराशि का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
धनराशि का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता के लिए किया जा सकता है।
यह योजना झारखंड की महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद है, जो उन्हें अपनी पहचान और सपनों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का अवसर देती है।