Jharkhand Top 5 Dam: प्रकृति और मानव प्रतिभा का मिलन अक्सर एक अद्वितीय आकर्षण को जन्म देता है, जो व्यक्तिगत सुंदरता से परे है और झारखंड की 5 सबसे खूबसूरत डैम इन्हीं दोनों रचनाकारों के सामंजस्य और पूर्ण मिलन की साक्षी है। झारखंड की ये डैम मानवीय प्रयास का अद्भुत उदाहरण है। जहां आपको 1 बार तो जरुर जाना चाहिए और यहां आपको बोट राइड भी करनी चाहिए।
Jharkhand Top 5 Dam
जैसा की हम सब जानते है की झारखंड में प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहरों का खजाना भरा हुआ है। और यहां के डैम न केवल जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। आइए जानें झारखंड के टॉप 5 डैम के बारे में, जो आपके सफर को यादगार बना देंगे।
- गेतलसूद डैम
- मैथन डैम
- चांडिल डैम
- पंचेत डैम
- तिलैया डैम
गेतलसूद डैम:
रांची के नजदीक स्थित गेतलसूद डैम को “रुक का डांस” के नाम से भी जाना जाता है। यह झारखंड का सबसे बड़ा डैम है और स्वर्णरेखा नदी पर बना है। 1971 में खोले गए इस डैम के आसपास की हरी-भरी वादियों में पिकनिक मनाना एक अलग ही अनुभव है। यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता हर सैलानी का मन मोह लेती है।
मैथन डैम
धनबाद के निकट स्थित मैथन डैम, बाढ़ नियंत्रण और बिजली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यह डैम बराकर नदी पर बना है और 65 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। मैथन डैम का भूमिगत बिजली स्टेशन देखने लायक है। इसके अलावा, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण सैलानियों को आकर्षित करता है। नौका विहार और अन्य जलक्रीड़ाएं यहां के मुख्य आकर्षण हैं।
चांडिल डैम
चांडिल डैम, स्वर्णरेखा नदी पर स्थित है और झारखंड के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से एक है। यहां का संग्रहालय, जिसमें 2000 वर्ष पुरानी चट्टानों पर लिखी गई टिप्पणियां हैं, इतिहास प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण है। चांडिल डैम के पास स्थित प्राकृतिक सुंदरता और नौका विहार के अवसर पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
पंचेत डैम
दामोदर नदी पर बना पंचेत डैम, झारखंड के सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक है। 1959 में खोले गए इस डैम का मुख्य उद्देश्य बिजली उत्पादन है। जीटी रोड के पास स्थित इस डैम के आसपास की सुंदरता और शांत वातावरण सैलानियों को बार-बार यहां आने के लिए प्रेरित करता है। यहां का प्राकृतिक परिदृश्य और जलक्रीड़ाएं पर्यटकों को खासा पसंद आती हैं।
तिलैया डैम
कोडरमा जिले में स्थित तिलैया डैम, दामोदर घाटी निगम का पहला बहुउद्देशीय बांध है। यह 1953 में खोला गया था और इसका निर्माण बाढ़ नियंत्रण और बिजली उत्पादन के लिए किया गया था। 36 वर्ग किलोमीटर में फैला यह डैम अपने आसपास की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण सैलानियों के बीच लोकप्रिय है। यहां का पनबिजली स्टेशन भी देखने लायक है।
निष्कर्ष
झारखंड के ये टॉप 5 डैम न केवल तकनीकी और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर भी पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। यदि आप झारखंड की यात्रा पर हैं, तो इन डैमों का दौरा करना न भूलें और अपनी यात्रा को यादगार बनाएं।