जाने कुमार सौरभ की एक साधारण दुकानदार से IAS बनने तक का संघर्ष भरा सफर!

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संघर्ष और सफलता की यात्रा: झारखंड के आईएएस अधिकारी कुमार सौरभ की प्रेरक कहानी

2022 के यूपीएससी के परिणाम घोषित हो चुके हैं, और इसके साथ ही झारखंड के एक युवक कुमार सौरभ की प्रेरक कहानी सामने आई है, जिसने आईएएस अधिकारी बनने के लिए सभी बाधाओं को पार कर लिया। कुमार सौरभ की शीर्ष तक की यात्रा अपार संघर्ष और दृढ़ संकल्प की रही है और उनकी सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है।

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कुमार सौरभ रांची, झारखंड के रहने वाले हैं, और उन्होंने हमेशा एक सिविल सेवक बनने का सपना देखा था। हालाँकि, उनके परिवार की वित्तीय स्थिति उनके सपने को आगे बढ़ाने में एक बड़ी बाधा थी। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, कुमार सौरभ अपनी खोज में दृढ़ रहे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहे।

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एक छोटे-से दुकानदार के बेटे कुमार सौरभ ने झारखंड में IAS अधिकारी बनने के लिए आर्थिक बाधाओं और भाषा की बाधाओं को कैसे पार किया।

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अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, कुमार सौरभ ने अपनी स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। हालाँकि, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें आर्थिक तंगी और भाषा की बाधाएँ शामिल थीं। इन चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत करना जारी रखा और अपनी पढ़ाई में उत्कृष्टता हासिल की।

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अपनी स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद, कुमार सौरभ ने सिविल सेवाओं में अपना करियर बनाने का फैसला किया। उन्होंने अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए नौकरी करने के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उनके पिता के खराब स्वास्थ्य ने उनके लिए अपनी पढ़ाई जारी रखना और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया, लेकिन कुमार सौरभ ने हार नहीं मानी।

आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और भारतीय प्रशासनिक सेवा में रैंक हासिल की। कुमार सौरभ की सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है, और उनकी यात्रा इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है।

जागरण न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, कुमार सौरभ ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के अटूट समर्थन और खुद की दृढ़ता को दिया। उन्होंने युवा उम्मीदवारों से अपने सपनों को कभी नहीं छोड़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखने का भी आग्रह किया।

कुमार सौरभ की कहानी याद दिलाती है कि सफलता किसी की पृष्ठभूमि से नहीं, बल्कि उसकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से तय होती है। एक छोटे दुकानदार के बेटे से आईएएस अधिकारी बनने तक की उनकी यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो महानता हासिल करने का सपना देखते हैं।

अंत में, कुमार सौरभ की कहानी इस बात का एक चमकदार उदाहरण है कि कैसे दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत सबसे चुनौतीपूर्ण बाधाओं को भी दूर कर सकती है। उनकी यात्रा इस बात की याद दिलाती है कि कोई भी सपना हासिल करने के लिए बहुत बड़ा नहीं है, और सही मानसिकता और दृढ़ता से कुछ भी संभव है।

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