झारखंड में वैसे तो कई मंदिर है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं,जिनमे से कुछ ऐसे भी हैं जिनका इतिहास सदियों पुराना है और हमारे संस्कृति और परंपरा को दर्शाती है। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं झारखंड में नव निर्मित राधा कृष्ण की सबसे विशाल मंदिर के बारे में जिसका उद्घाटन 5 जनवरी 2025 को किया जा रहा है।

Jharkhand Biggest Radha Krishna Mandir
झारखंड की राजधानी रांची के पुनदाग में राधा कृष्ण की एक बेहद ही भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। इसका उद्घाटन 5 जनवरी को होने वाला है। देशभर से श्रद्धालु और संत-महात्मा इस शुभ अवसर पर आने वाले हैं। इस मंदिर की खासियत इसकी अद्भुत कांच की कलाकारी है, जो इसे देखने वालों को मोहित कर लेती है।
मंदिर की अनोखी विशेषताएं
1. कांच की खूबसूरती
मंदिर का इंटीरियर लाल, पीले, हरे और नीले कांच से सजाया गया है। इसे देखकर ऐसा महसूस होता है, जैसे आप किसी भव्य शीशमहल में खड़े हों।
2. राज्य का सबसे बड़ा राधा-कृष्ण मंदिर
मंदिर की खास झांकियां भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर महाभारत काल तक की कहानियां प्रदर्शित करती हैं। ये झांकियां बेहद जीवंत और मनमोहक हैं।
3. विशाल रथ
मंदिर के प्रांगण में 20-25 रथ के पहिए रखे गए हैं, जिन्हें सुनहरे रंग से सजाया गया है। ये रथ महाभारत काल की याद दिलाते हैं और आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं।
4. दिव्यांग और बेसहारा लोगों के लिए आश्रम
मंदिर के दूसरे तल पर एक आश्रम बनाया गया है, जहां दिव्यांग और बेसहारा लोगों को रहने की जगह, खाना, कपड़े और चिकित्सा सुविधाएं दी जाएंगी।
5. सुविधाएं
मंदिर में लिफ्ट की सुविधा है ताकि वृद्ध और दिव्यांगजन आसानी से ऊपर जा सकें। यहां तीन समय के भोजन के लिए एक विशाल किचन भी बनाया गया है।
निर्माण की लागत और भव्यता
मंदिर को बनाने में लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह 3500 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला है। सफेद रंग के इस मंदिर की गुंबद इतनी ऊंची है कि इसे 2 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है।
खास आकर्षण – गोवर्धन पर्वत के दर्शन
मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन पर्वत उठाए हुए भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा को विशेष रूप से दिल्ली के कलाकारों ने तैयार किया है।
कैसे पहुंचे मंदिर?
पुंदाग, रांची का प्रमुख इलाका है और शहर से इसकी दूरी लगभग 10 किलोमीटर है।
लोकेशन: श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर, पुंदाग, रांची, झारखंड।
आप यहां बस, टैक्सी या अपने निजी वाहन से पहुंच सकते हैं। रांची रेलवे स्टेशन से यह स्थान करीब 12 किलोमीटर और बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
मंदिर प्रांगण में हर रविवार को विशेष भोग का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
क्यों आएं इस मंदिर में?
- शीशमहल जैसी कांच की सजावट।
- भगवान श्रीकृष्ण और राधा की सबसे बड़ी मूर्तियां।
- दिव्यांग और बेसहारा लोगों के लिए सेवाभाव।
- हर कोने में अद्भुत कलाकारी और भव्यता।
तो तैयार हो जाइए इस अद्भुत मंदिर के दर्शन के लिए। यह केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि मानवता और कला का प्रतीक भी है। 5 जनवरी को इस पावन उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनें और श्रीकृष्ण के इस अनोखे मंदिर का आनंद लें।