बिरसा मुंडा जयंती 2024: 15 नवम्बर, 2024 का दिन भारत के जनजातीय समाज और हमारे देश की विरासत के लिए खास महत्व रखता है। आज के दिन ही भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और झारखंड का स्थापना दिवस भी मनाया जा रहा है। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जनजातीय समाज के हक और सम्मान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने पूरी जिंदगी आदिवासी समाज के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष किया और भारतीय इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
PM देंगे श्रद्धांजलि
इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने संदेश में मोदी जी ने लिखा, “भगवान बिरसा मुंडा जी ने भारत माता के गौरव और सम्मान के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया। उनकी जयंती को हम ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मना रहे हैं और मैं उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूँ।”
PM Modi ने 2021 में बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य था कि हर साल यह दिन जनजातीय समुदाय की वीरता, ज्ञान और महत्वपूर्ण योगदान को सम्मान देने का अवसर बने।
करोड़ों की परियोजनाएँ
इस महान दिन को और खास बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी बिहार के जमुई में आयोजित एक भव्य समारोह में शामिल होने जा रहे हैं। यहाँ भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का भी अनावरण किया जाएगा। साथ ही, मोदी जी 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएँ भी शुरू करेंगे, जिससे बिहार के ग्रामीण और जनजातीय इलाकों में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार हो सके।
मोदी की शुभकामनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड वासियों को भी उनके स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दी हैं। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “मेरी शुभकामनाएँ हैं कि यह प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध प्रदेश प्रगति के मार्ग पर तेज़ी से आगे बढ़े।” झारखंड का गठन 15 नवम्बर 2000 को किया गया था और यह राज्य बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बना, जो इसकी आत्मा को और भी गहरा बना देता है।
महानायक बिरसा मुंडा की कहानी
बिरसा मुंडा का जन्म 1875 में झारखंड के खूंटी जिले के एक छोटे से गाँव उलिहातु में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में आदिवासी समाज को ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों और अपने धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। उनका उद्देश्य था कि आदिवासी समाज को अपने असली अधिकार और स्वाभिमान का एहसास हो और इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन छेड़ा जो ‘उलगुलान’ के नाम से मशहूर है।
हमारे लिए प्रेरणा
बिरसा मुंडा जी का जीवन हमारे लिए केवल एक कहानी नहीं बल्कि एक सीख है कि हमारे हक के लिए लड़ना और अपने समाज का सम्मान बनाए रखना कितना जरूरी है। जनजातीय गौरव दिवस के इस पवित्र अवसर पर हम सभी को एक संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने समाज, संस्कृति और देश के प्रति वफादार रहेंगे और अपनी असली विरासत का सम्मान रखेंगे।