कहते हैं कि जीवन लंबा ना सही लेकिन प्रभावशाली होना चाहिए, और झारखंड के वीर महापुरुष धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा का जीवन भी बहुत प्रभावशाली था। उनके पुण्यतिथि पर चलिए आपको बताते हैं उनसे जुड़े कुछ ऐसी हैरान कर देने वाली बातें जो आपको आज तक नहीं पता होगी।
भगवान बिरसा मुंडा तथ्य
भगवान बिरसा मुंडा अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल मात्र 25 वर्ष की आयु में बज चुके थे, और उन्होंने अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया था। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को मुंडा जनजाति में हुआ था, यू तो वे कद काठी में सामान नहीं थे उनका कद केवल 5 फुट और 4 इंच था। लेकिन अंग्रेजों को बड़ी कड़ी चुनौती देने वाले वह एक ऐसे वीर थे जिन्होंने आदिवासी समुदाय के लिए जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए उलगुलान का आह्वान किया।
त्याग दिया ईसाई धर्म
आपको बता दे की बिरसा मुंडा ने अपना नया धर्म बिसरत शुरू किया था, और उन्होंने ईसाई धर्म का परित्याग कर दिया था। हालांकि कई जगह पर इस बात का जिक्र किया गया है, कि उन्होंने उनके परिवार के सहित ईसाई धर्म को अपनाया था लेकिन इसकी पुष्टि कहीं भी नहीं मिली है।
बिरसा मुंडा के नेतृत्व में उलगुलान या मुंडा आंदोलन झारखंड के इतिहास का एक अंतिम और जबरदस्त आदिवासी विद्रोह था। जिसमें हजारों की संख्या में वीर आदिवासी शहीद हुए, उन्होंने अंग्रेजों को इतना परेशान कर रखा था कि उनसे छुटकारा पाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने उन पर ₹500 का इनाम रखा था, जो उसे जमाने में बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी। आखिरकार उन्हें 3 जनवरी 1900 को गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में ही उनकी मृत्यु हो गई।
निष्कर्ष
यह बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि हमारे इतने वीर महापुरुष पर अभी तक किसी भी प्रकार का कोई फिल्म या नाटक नहीं बनाया गया था, लेकिन 2024 में जल्द ही इनके जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी है, जिसे देखकर आने वाली पीढ़ी उनके गुणों को अपने में आत्मसार करेगी। आशा करते हैं आप भगवान बिरसा मुंडा के बलिदानों से प्रेरित होकर अपने राष्ट्र और देश के प्रति क्रांतिकारी भावना के साथ आगे बढ़ेंगे।